शनिवार, 30 मई 2009

सच्चा प्रेम

‘‘मैं तुमसे बहुत प्रेम करती हूँ।’’
‘‘लेकिन मैं तो तुमसे नहीं करता।’’
‘‘इससे क्या, लेकिन मैं तो तुमसे करती हूँ।’’
‘‘तुम नहीं जानती मुझे। सच तो यह है कि मैं तुमसे घृणा करता हूँ।’’
‘‘शायद इसीलिए मैं तुमसे प्रेम करती हूँ, क्योंकि बाकी सभी मुझसे प्रेम करते हैं।
एक तुम ही अलग हो, जो मुझसे घृणा करते हो।’’
कहते हैं कि दोनों ने अपने इस रिश्ते को ताउम्र निभाया।
विजय अग्रवाल

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